सरकोस्पोरा पर्ण चित्ती
यह रोग सरकोस्पोरा केजाॅनी नामक फफूँद से होता है
लक्षण
रोग के प्रारम्भिक लक्षण पौधों की निचली (पुरानी) पर अनियमित धब्बे के रूप दिखाई पड़ते है। इस रोग का प्रकोप जब मौसम ठंडा व आर्द्र हो उस समय ज्यादा होता है। रोग की उग्र अवस्था में पौधों की शाखायें भी सूखने लगती है। इस रोग के कारण संक्रमित पत्तियाँ झड़ जाती है।
प्रबन्धन
- फसल की समय से बुवाई करनी चाहिए।
- स्वस्थ बीज की बुवाई करनी चाहिए।
- बुवाई के लिए रोग प्रतिरोधी प्रजातियों का प्रयोग करना चाहिए।
- फसल में रोग का लक्षण दिखाई देने पर मेकोजेब (डाईथेन एम-45) का (2. 5 ग्राम/ली. पानी) 10- 15 दिन के अन्तराल पर 2-3 बार छिड़काव करना चाहिए।