किसी भी फसल की अधितम उपज लेने के लिए प्रजाति का चुनाव सबसे महत्त्वपूर्ण चरण होत है। मूँग की फसल से भी अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उत्तम प्रजाति का चुनाव करना चाहिए। जो प्रजातियाँ कम समय में पककर तैयार हो जाती है। उन्हें प्रयोग में लाना चाहिए ताकि, बीमारियों तथा कीटों के नुकसान से बचा जा सके। खरीफ फसल के लिए सामान्यतः 60-70 दिन में पकने वाली प्रजातियाँ सर्वोत्तम मानी जाती हैं। खरीफ में पीली चितेरी रोग की सम्भावना अधिक रहती है। अतः रोगरोधी प्रजातियों का ही चुनाव चाहिए। वैज्ञानिकों प्रयासों से मूँग एवं उर्द में इस प्रकार की अनेक प्रजातियाँ विकसित की ज सकी हैं। जो शीघ्र पकने के साथ-साथ उपज भी अच्छी देती हैं।