मूंग की उन्नत प्रजातियाँ (वर्ष 2000 से 2021)
मूंग की उन्नत प्रजातियाँ (वर्ष 2000 से 2021)
क्रम सख्या |
प्रजाति का नाम |
उत्पत्ति केंद्र |
विकास का वर्ष |
औसत उपज कु./हे. |
अवधि |
प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिक्रिया |
संस्तुत क्षेत्र |
अन्य प्रासंगिक जानकारी |
31. |
पूसा 9531 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली |
2000 |
9.0 |
60 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का मध्यवर्ती भाग |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
32. |
पूसा विशाल |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली |
2000 |
11.0 |
62 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त, बड़ा बीज आकार ( 6 ग्राम/100 बीज) |
33. |
एच यू एम 2 (मालवीय जाग्रति ) |
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
2000 |
10.50 |
67 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड |
बसंत ऋतु एवं ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
34. |
गंगा 8 |
क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान, श्रीगंगानगर |
2001 |
9.2 |
72 |
पीत चितेरी तथा सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
35. |
एच यू एम 6 (मालवीय जनप्रिया) |
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
2001 |
10.0 |
68 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
36. |
ओ यू एम 11-5 |
उड़ीसा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, बरहमपुर |
2002 |
7.3 |
62 |
चूर्णिल आसिता, पीत चितेरी रोग, सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
37. |
एच यू एम 12 (मालवीय जनचेतना) |
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
2003 |
11.2 |
60-62 |
पीत चितेरी रोग, सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
38. |
मेहा (आई पी एम 99-125) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान , कानपुर |
2004 |
9.8 |
66 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
39. |
टी एम 37 |
भाभा परमाणुविक अनुसंधान केंद्र, मुंबई |
2005 |
11.0 |
65 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
40. |
सी ओ जी जी 912 (सी ओ जी जी 7) |
तमिलनाडु कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, कोयम्बटूर |
2005 |
8.0 |
62 |
पीत चितेरी रोग तथा सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
41. |
एच यू एम 16 (मालवीय जनकल्यानी) |
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
2006 |
10.9 |
55-58 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
42. |
एम एच 2-15 (सत्या) |
हिसार |
2007 |
10.55 |
67 |
पीत चितेरी रोग तथा सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रNWPZ |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
43. |
पन्त मूंग -6 |
गोविन्द वल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर |
2007 |
10.52 |
96 |
पीत चितेरी रोग तथा सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग, जीवाणु पर्ण बुंदकी रोग, पर्ण सिकुड़न प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी हिमालय क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
44. |
के एम 2241 |
चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी, कानपुर |
2008 |
10-11 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी हिमालय क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
45. |
आई पी एम् 02-3 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2009 |
11.0 |
62-68 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
खरीद तथा बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त, बड़े बीज |
46. |
पी के वी ए के एम 4 |
डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला |
2009 |
10 |
62-66 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का मध्यवर्ती क्षेत्र तथा दक्षिणी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
47. |
पूसा 0672 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली |
2009 |
10 |
64 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी हिमालय क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
48. |
आई पी एम 02-14 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2010 |
11.0 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
खरीफ ऋतु तथा ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
49. |
एम एच 421 |
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
2012 |
10-12 |
60-61 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु तथा ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
50 |
डी जी जी वी-2 |
कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, धारवाड़ |
2014 |
11-14 |
70-75 |
चूर्णिल आसिता के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
कर्नाटक |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
51. |
आई पी एम 410-3 (शिखा) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2016 |
11-12 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पश्चिमी मैदानी क्षेत्र /मध्यवर्ती क्षेत्र |
ग्रीष्म/बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
52 |
आई पी एम 205-7 (विराट) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2016 |
10-11 |
52-56 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत के समस्त क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
53 |
एस एम एल 1115 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना |
2016 |
11-12 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पूर्वी हिमालयी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
54 |
पूसा 1371 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली |
2017 |
9-10 |
81-91 |
पीत चितेरी रोग, जड़ सडन, एन्थ्राक्नोस प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी हिमालयी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
55. |
जी एम 6 |
सरदार कृषि नगर दंतीवाड़ा कृषि विश्व-विश्वविद्यालय, गुजरात |
2018 |
11-12 |
70-75 |
पीत चितेरी रोग तथा सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग सहिष्णु |
भारत का उत्तर पूर्वी हिमालय क्षेत्र |
|
56 |
आई पी एम 512-1 (सूर्या) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2020 |
12-13 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग, सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग, एंथ्रेकनोस प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
57 |
एम एच 1142 |
चौधरी चरण सिंह हिसार कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
2020 |
11-12 |
60-65 |
एंथ्रेकनोस प्रतिरोधी तथा चूर्णिल आसिता के प्रति मध्यम प्रतिरोधी तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी तथा पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
राज्यों के लिए विकसित मूंग की उन्नत प्रजातियाँ
क्रम संख्या |
प्रजाति का नाम |
उत्पत्ति केंद्र |
विकास वर्ष |
औसत उपज कुं./हे. |
परिपक्वता अवधि |
प्रमुख रोगों/कीटों की प्रतिक्रया |
संस्तुत क्षेत्र |
अन्य प्रासंगिक जानकारी |
|
आशा |
चौधरी चरण सिंह हिसार कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
1993 |
10-14 |
78 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
खरीफ ऋतु में हरियाणा के वर्षा आश्रित तथ सिंचित क्षेत्रों |
|
|
एम जी जी 295 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, मधीरा |
1993 |
12-14 |
65-70 |
पर्ण बुंदकी रोग तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
|
|
एल जी जी 410 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
1994 |
14-16 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
|
|
एल जी जी 460 (लाम 460) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
1997 |
15-16 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
तुल्यकालिक परिपक्वता, शीषर्स्थ फली |
|
पी बी यम 1 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना |
1998 |
12.50 |
75 |
-do- |
पंजाब |
|
|
के 1 |
कृषि अनुसंधान केंद्र कोविल पट्टी |
1998 |
- |
70-75 |
- |
तमिलनाडु |
सूखा सहनशील |
|
प्रताप
|
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, शिल्लोंगिनी, असम कृषि विश्व विद्यालय, नागाव,असम |
1999 |
12-14 |
65-70 (ग्रीष्म), 60-65 (खरीफ) |
सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग प्रतिरोधी तथा पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
असम |
प्रचलित प्रजाति |
|
प्रज्ञा |
इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर |
1999 |
9 |
90-100 |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
छत्तीसगढ़ राज्य में रिले/उतेरा फसल प्रणाली के लिए उपयुक्त |
बीज गहरे काले रंग के |
|
सुकेती |
चौधरी श्रवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमाचल प्रदेश, पर्वतीय कृषि अनुसंधान एवं विस्तार केंद्र, धाकुलम |
2000 |
10 |
85 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
हिमाचल प्रदेश की मध्य पहाड़ियाँ |
|
|
सम्राट (पी डी यम 139) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2001 |
10-11 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
चमकदार बीज |
|
ए के एम 8802 |
डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्या पीठ अकोला |
2000 |
10-11 |
61-63 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र |
बड़े तथा चमकदार बीज, रंजित तना |
. |
आर एम जी 344 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा |
2001 |
8-9 |
62-74 |
झुलसा सहिष्णु |
गंगानगर जिले को छोड़कर सम्पूर्ण राजस्थान |
नमी तनाव सहिष्णु |
|
जी एम 4 |
सरदार कृषिनगर दंतेवाडा कृषि विश्व विद्यालय, गुजरात |
2001 |
8.59 |
61 तो 68 |
पीत चितेरी रोग तथा मेक्रोफोमिना झुलसा रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
गुजरात |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त
|
|
वी बी एन 2 (जी जी) |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वंबन |
2001 |
9.0 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
चमकदार बीज एवं लोबदार पर्ण |
|
वी आर यम (जी जी) 1 |
कृषि अनुसंधान संस्थान, विरिन्जीपुरम |
2001 |
- |
60-70 |
- |
तमिलनाडु राज्य के वेल्लोर तथा तिरुवन्नामलाई जिलों के लिए संस्तुत |
- |
|
पी डी एम 139 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2001 |
10.12 |
58-62 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
पन्त मूंग 5 |
गोविन्द वल्लभ कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर |
2002 |
12-15 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र |
बीज भार 5-6 ग्राम/100 बीज |
|
यम जी जी 348 |
कृषि अनुसंधान संस्थान, मधिरा |
2002 |
12-14 |
65-70 |
कोणीय पर्ण बुंदकी प्रतिरोधी तथा पीत चितेरी रोग एवं सूखा सहिष्णु |
|
|
|
आर एम जी 492 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा |
2003 |
9-10 |
65-70 |
झुलसा, सरकोस्पोरा पर्ण बुंदकी रोग, पीत चितेरी रोग के प्रति माध्यम प्रतिरोधी |
राजस्थान के वर्षा आधारित क्षेत्र |
नमी तनाव सहिष्णु |
|
पूसा रत्ना (पूसा 9972) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नयी दिल्ली |
2004 |
11-12 |
72 |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
भारत के उत्तरी पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (राष्ट्रिय राजधानी क्षेत्र) |
- |
|
मुस्कान |
चौधरी चरण सिंह हिसार कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
2004 |
12-15 |
75 |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
खरीफ ऋतु में हरियाणा के वर्षा आश्रित तथा सिंचित क्षेत्रों के लिए |
उच्च उपज तथा मध्यम अवधि प्रजाति |
|
शालीमार मूंग 1 |
शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, कश्मीर |
2005 |
8.0 |
105-115 |
पर्ण बिन्दुकी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी तथा फली झुसला रोग प्रतिरोधी फुदके के प्रति माध्यम प्रतिरोधी |
कश्मीर घाटी की निचली वर्षा आधारित भाग में |
|
|
पी के वी हरा चना (ए के एम-9911) |
डॉ. पंजाब राव देशमुख करीशी विद्यापीठ, अकोला |
2007 |
10-12 |
64-72 |
चूर्णिल आसिता रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र |
शीर्षस्थ फली के कारण यांत्रिकी कटाई हेतु उपयुक्त |
|
टी एम-96-2 |
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तथा आचार्य एन जी रंगा कृषि विश्व विद्यालय, लाम |
2007 |
09 |
65 |
चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
धान की पार्टी खेती के लिए उपयुक्त |
|
टी जी एम-3 |
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तथा जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर |
2007 |
9.5 |
65 |
चूर्णिल आसिता, पीत चितेरी, तथा सर्कोस्पोरा पर्ण बिन्दुकी प्रतिरोधी |
मध्य प्रदेश |
|
|
पी ए यू 911 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, पंजाब |
2007 |
12.25 |
75 |
पीत चितेरी तथा सर्कोस्पोरा पर्ण बिन्दुकी प्रतिरोधी |
पंजाब |
|
|
एम जी जी 347 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, मधीरा |
2009 |
13-15 |
65-70 |
तना मक्खी, पीत चितेरी रोग, सर्कोस्पोरा पर्ण बिन्दुकी रोग तथा सूखा सहिष्णु |
|
|
|
एम जी जी 207 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, मधीरा |
2009 |
12-14 |
75-80 |
सूखा तथा पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
|
|
|
वी बी एन (जी जी) 3 |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2009 |
9.75 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
- |
|
बसंती |
चौधरी चरण सिंह हिसार कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
2010 |
12-15 |
64 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
खरीफ ऋतु में हरियाणा के वर्षा आश्रित तथा सिंचित क्षेत्रों में |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त तथा उच्च प्रोटीन |
|
पैरीमूंग |
इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर |
2010 |
12 कुं/हे. |
65-70 दिन |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु, फली बनने तथा फली भरने के समय में चूर्णिल आसिता सहिष्णु |
छत्तीसगढ़ राज्य में रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
|
के एम 2195 |
चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, कानपुर |
2010 |
10-11 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
|
|
टी एम 2000-2 पैरीमूंग |
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र तथा इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर |
2010 |
10.9 |
88 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
छत्तीसगढ़ |
|
|
एस एम एल 832 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, पंजाब |
2010 |
11.60 |
61 |
थ्रिप्स तथा पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
पंजाब |
|
|
डी जी जी वी-2 (मूँग) |
कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, धारवाड़ |
2014 |
11-14 |
70-75 |
चूर्णिल आसिता के प्रति मध्यम प्रतिरोधी तथा एपीयन बीटल के प्रति सहिष्णु |
खरीफ ऋतु में कर्नाटक राज्य के कृषि जलवायु क्षेत्र के लिए |
फली स्फुटन के प्रति मध्यम प्रतिरोधी तथा यांत्रिकी कटाई के लिए उपयुक्त |
|
शालीमार मूंग 2 |
श्रीनगर केंद्र, शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, कश्मीर |
2014 |
10 |
99 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बिन्दुकी प्रतिरोधी, माहू के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
कश्मीर घाटी में 1850 मीटर ए एम एस एल ऊँचाई तक खेती के लिए उपयुक्त |
शीघ्र परिपक्वता |
|
सी ओ (जी जी 8) |
तमिलनाडु कृषि विश्व विद्यालय, कोयम्बटूर |
2014 |
- |
60 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
- |
|
एस जी सी 16
|
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, शिलोंगिनी, असम कृषि विश्वविद्यालय, नागांव, असम |
2014 |
13-14 |
60-65 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बिन्दुकी तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
असम |
|
|
सोमनाथ |
कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, रायचूर |
2014 |
12-13 |
65-68 |
चूर्णिल आसिता के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
कर्नाटक |
लम्बी फलियाँ तथा बड़े आकार के बीज |
|
एम एच 318 |
चौधरी चरण सिंह हिसार कृषि विश्व विद्यालय, हिसार |
2015 |
खरीफ में 14 कु./हे. तथा बसंत व ग्रीष्म में 10 कु./हे. |
60-61 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
हरियाणा के वर्षा आश्रित एवं सिंचित क्षेत्र में बसंत ऋतु, ग्रीष्म एवं खरीफ ऋतु में बुवाई के लिए |
धान-गेहूँ फसल चक्र में खेती के लिए |
|
उत्कर्ष (के एम 11-584) |
महारष्ट्र राज्य बीज निगम |
2016 |
12-13 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
महाराष्ट्र |
|
|
यदाद्री (डब्लू जी जी 42) |
प्रोफेसर जय शंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्व विद्यालय, हैदराबाद |
2016 |
10-12 |
55-60 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तेलंगाना |
खरीफ/रबी तथा ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
श्री राम (एम जी जी 351) |
प्रोफेसर जय शंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्व विद्यालय, हैदराबाद |
2016 |
12-14 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
तेलंगाना |
रबी/ग्रीष्म ऋतु तथा धान की परती में खेती हेतु उपयुक्त |
|
एम एस जे 118 (केशवानंद मूंग 2) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान, दुर्गापुरा |
2016 |
7-8 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
राजस्थान |
खरीफ तथा बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
आर एम जी 975 ( केशवानन्द मूंग 1) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा |
2016 |
8-9 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी तथा जड़ गांठ सूत्रकृमि के प्रति सहिष्णु |
राजस्थान |
खरीफ ऋतु के खेती के लिए बीज मध्यम बड़ा तथा चमकदार |
|
एम एल-2056 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना |
2016 |
11-12 |
70-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए |
|
जी बी एम-1 |
नवसारी कृषि विश्व विद्यालय, गुजरात |
2016 |
11-12 |
102-105 |
|
गुजरात |
रबी ऋतु मे खेती के लिए उपयुक्त |
|
पन्त मूंग 8 (पी एम 09-6) |
गोविन्द वल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर |
2017 |
10-11 |
78-83 |
पीत चितेरी रोग, पर्ण बिन्दुकी रोग तथा चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखंड |
|
|
के एम 2328 |
चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, कानपुर |
2018 |
10-12 |
60-62 |
पीत चितेरी रोग, पर्ण बिन्दुकी रोग तथा एन्थ्रैक्नोस प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश का दक्षिणी क्षेत्र |
खरीफ ऋतू में खेती के लिए |
|
पूसा 1431 |
भा.कृ.अनु.प.- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली |
2018 |
12-14 |
56-66 |
पीत चितेरी रोग, पर्ण बिन्दुकी रोग, एन्थ्रैक्नोस, झुलसा प्रतिरोधी तथ उर्द पर्ण संकुचन विषाणु |
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली राज्य |
बसंत ऋतु में खेती के लिए |
|
एस जी सी 16 (रुपोही) |
असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट, असम |
2018 |
12-13 |
65-70 |
पर्ण बिन्दुकी रोग तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी झुलसा के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
असम |
ग्रीष्म तथा खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
जी ए एम 5 |
आनंद कृषि विश्व विद्यालय, आनंद गुजरात |
2018 |
8-11 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
गुजरात |
ग्रीष्म तथा खरीफ ऋतु में खेती हेतु उपयुक्त |
|
गुजरात मूंग 7 (जी एम 7) |
नवसारी कृषि विश्व विद्यालय, गुजरात |
2018 |
10-11 |
75-80 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
गुजरात |
ग्रीष्म तथा खरीफ ऋतु में खेती हेतु उपयुक्त |
|
वर्षा (आई पी एम 2014-9) |
भा.कृ.अनु.प. भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2018 |
10-11 |
65-75 |
पीत चितेरी रोग तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती हेतु उपयुक्त |
|
कनिका (आई पी एम 302-2) |
भा.कृ.अनु.प. भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2018 |
10-12 |
65-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी, हरे चमकदार, आकर्षक तथा माध्यम बड़ा बीज (3.4 ग्राम/100 बीज भार) |
उत्तर प्रदेश |
बसंत तथा खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
त्रिपुरा मूंग (टी आर सी एम 131) |
उत्तर पूर्वी क्षेत्रों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर |
2018 |
10-11 |
55-60 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
त्रिपुरा |
ग्रीष्म तथा खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
वी बी एन 4 (वी जी जी 10-1008) |
राष्ट्रीय दलहनदान अनुसंधान केंद्र, वंबन |
2019 |
10.11 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग तथा चूर्णिल आसिता रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
सभी ऋतुओं में खेती के लिए उपयुक्त |
|
पन्त एम 9 (पी एम 09-11) |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, पन्त नगर |
2019 |
9-10 |
70-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखंड |
खरीफ ऋतु तथा बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
यस एम एल 1827 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना |
2019 |
12-13 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
के एम 2342 (आज़ाद मूंग 1) |
चन्द्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, कानपुर |
2020 |
8-10 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
आई पी एम 312-20 (वसुधा) |
भा.क.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2020 |
10-11 |
70-75 |
एन्थ्राक्नोस तथा चूर्णिल आसिता रोग के प्रति माध्यम प्रतिरोधी तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
आई पी एम 409-4 (हीरा) |
भा.क.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2020 |
8-10 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
ग्रीष्म तथा बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
पूसा 1641 |
भा.क.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंस्धान संस्थान, नई दिल्ली |
2020 |
12-13
|
62-64 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी तथा प्रमुख कीटों का कम प्रभाव |
दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
एम जी जी 385 (मधीरा पेसरा) |
प्रो. जय शंकर तेलंगाना रराज्य कृषि विश्व विद्यालय, तेलंगाना |
2021 |
12-13 |
70-75 |
पर्ण सिकुडन रोग प्रतिरोधी तथा पीट चितेरी रोग के प्रति कम प्रतिरोधी, 29.05% प्रोटीन |
तेलंगाना |
धान परती, खरीफ, ग्रीष्म तथा रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
|
पी एम 707-5 (फूले चेतक) |
महात्मा फूले कृषि विश्व विद्यालय, राहुरी |
2021 |
10-12 |
70 |
पीत चितेरी रोग, चूर्णिल आसिता तथा सर्कोस्पोरा पर्ण संकुचन के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
महाराष्ट्र |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त, बीज भार 4.77 ग्राम/100 बीज |
|
एम एल 1808 |
पंजाब कृषि विश्व विद्यालय, लुधियाना |
2021 |
12-13 |
70-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त (अंतरजातीय क्रास) |
|
इस जी सी 16 (रुपोही) |
असम कृषि विश्व विद्यालय, शिलोंगिनी, असम |
2022 |
12-13 |
65-68 |
सर्कोस्पोरा पंर्ण संकुचन तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी तथा पत्ती झुलसा के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
असम |
|
|
जी ए एम 8 (हरा मोती) |
आनंद कृषि विश्व विद्यालय, वड़ोदरा, गुजरात |
2022 |
11-12 |
70-80 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी तथा चूर्णिल आसिता रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
गुजरात |
|
|
शालीमार मूंग 3 |
शेर ए कश्मीर कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, जम्मू & & कश्मीर |
2022 |
9-10 |
90-95 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
जम्मू & कश्मीर |
|
|
वी बी एन 5 (वी जी जी 15013) |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2022 |
8-9 |
70-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
निलगिरी तथा कन्याकुमारी को छोड़कर सम्पूर्ण तमिलनाडू |
सभी ऋतुओं में खेती के लिए उपयुक्त |
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लाम पेसारा 574 (एल जी जी 574) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम , आचार्य एन जी रंगा कृषि विश्व विद्यालय, आंध्र प्रदेश |
2022 |
15-16 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग, उर्द पर्ण सिकुडन तथा सर्कोस्पोरा पर्ण बुंदकी सहिष्णु |
आंध्र प्रदेश
|
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
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लाम पेसारा 607 (एल जी जी 607) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, आचार्य एन जी रंगा कृषि विश्व विद्यालय, आंध्र प्रदेश |
2022 |
15-17 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग, कवक जनित रोग, सर्कोस्पोरा पर्ण बुंदकी तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
खरीफ एवं रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
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टी आर सी आर एम- 147 |
कृषि अनुसंधान संस्थान, बिडार, कर्नाटक |
2022 |
8-9 |
63-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
कर्नाटक |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
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एच यू एम 27 (मालवीय जन क्रांति) |
बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय, वाराणसी |
2022 |
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पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी 29.80 % प्रोटीन |
उत्तर प्रदेश |
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