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ब्लिस्टर बीटल

कीट व रोग अभिज्ञान प्रणाली

ब्लिस्टर बीटल

इस कीट के वयस्क नारंगी व काले रंग के होते हैं। तथा इसके पेड़ के आस-पास लाल धारी होती इनकी लम्बाई  2.5 सेमी तक हो सकती है

यह मूंग, उर्द एवं अरहर के फूलों पर आक्रमण कर परागकोष को खाते हैं। परिणामस्वरुप ऐसे फूलों में फली नहीं बन पाती तथा बहुत अधिक हानि होती है। फसल में फूल लगने वाली अवस्था में इस कीट के वयस्क फूलों को खाते हुए देखे जा सकते हैं। यह कीट बहुभक्षी होने के कारण अन्य फसलों जैसे अरहर, लोबिया, कपास व भिण्डी जैसे फसलों मे साल भर बना रहता है और इन फसलों को आर्थिक क्षति पहुँचाता है। इनका प्रकोप सर्वाधिक अगस्त से अक्टूबर  दक्षिण भारत में दिखता है ये लगभग सभी फूल खा लेते हैं व फसल को भारी क्षति पहुचाते है।

प्रबंधन 

ऐसफेट 75 एस.पी. (1.0 ग्राम/लीटर पानी) या मेथोमाइल 40 एस.पी. (0.6 ग्राम/लीटर पानी) या क्यूनालफॉस 25 एस.पी. (2.0 मि.ली./लीटर पानी) की दर से फसल पर छिड़काव करें।