प्रजाति का नाम |
उत्पत्ति केंद्र |
प्रकाशन वर्ष |
औसत उपज |
परिपक्वता की अवधि |
प्रमुख रोग |
संस्तुत क्षेत्र |
अन्य प्रासंगिक जानकारी |
जवाहर उर्द 2 |
जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर |
1987 |
13.0 |
6.7 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी और पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
मध्य प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
जवाहर उर्द 3 |
जवाहर लाल नेहरु कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर |
1987 |
13.0 |
700 |
मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
मध्य प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पंत यू 35 |
गोविन्दवल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौग्योगिकी विश्व विद्यालय, पंतनगर |
1987 |
10.8 |
75-80 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश
|
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त, रोम युक्त फलियाँ |
एलबीजी 17 (कृष्णैया) |
आंध्र प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, लैम |
1987 |
14.8 |
80-90 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र (रबी) |
काले रंग के बीज |
पीडीयू 1 (बसंत बहार) |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
1991 |
13.8 |
70-80 |
पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र, उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र एवं मध्य क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त तथा बड़े आकार के बीज (4.8 ग्राम/100 बीज) |
एल बी जी 402 (प्रभाव) |
आंध्र प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, लैम |
1991 |
10.8 |
78 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र (रबी) |
बड़े काले रंग का बीज (5.2 ग्राम/100 बीज) |
एल बी जी (तेजा) |
आंध्र प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, लैम |
1991 |
14.0 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग एवं चूर्णिल आसिता के प्रति सहिष्णु |
आंध्र प्रदेश
|
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त तथा बड़े आकार के बीज |
वंबन 1 |
तमिलनाडु कृषि विश्व विद्यालय, वम्बन |
1991 |
8.0 |
65-70 |
मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
तमिलनाडु |
बड़े आकार के बीज |
ए डी टी 4 |
तमिलनाडु कृषि विश्व विद्यालय, अदुठुरै |
1991 |
8.5 |
65-70 |
मूंग पीत चितेरी रोग एवं चूर्णिल आसिता के प्रति सहिष्णु |
तमिलनाडु |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
ए डी टी 5 |
- |
1991 |
8.0 |
65-70 |
मूंग पीत चितेरी रोग एवं चूर्णिल आसिता के प्रति सहिष्णु |
तमिलनाडु |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
टी पी यू 4 |
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई |
1992 |
7.13 |
74 |
मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
भारत का मध्यवर्ती क्षेत्र |
बीज भार - 4.3 ग्राम/100 बीज |
टी ए यू 2 |
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई |
1993 |
10.0 |
70 |
मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
महाराष्ट्र |
बड़े आकार के बीज ( 4.3 ग्राम /100 बीज) |
नरेन्द्र उर्द 1 (एन डी यू 88-8) |
नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोद्योगिकी, विश्वविद्यालय, फैजाबाद |
1993 |
10.0 |
70-80 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
बड़े आकार के काले बीज (4.1 ग्राम /100 बीज ) |
डब्लू बी यू 108 |
दलहन एवं तिलहन अनुसंधान केंद्र, बेरहामपुर, पश्चिम बंगाल |
1995 |
12.2 |
83 |
मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
भारत का उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र तथा दक्षिण वर्ती क्षेत्र |
व्यापक एवं अपनाने योग्य |
एल बी जी 611 |
आंध्र प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, लैम |
1995 |
14.0 |
85-90 |
उकठा प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
मुश 338 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना |
1996 |
8.2 |
90 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी
|
पंजाब |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
बिरसा उर्द 1 |
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची |
1996 |
15.0 |
81 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी
|
बिहार |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
ए के यू (मेल्घात ) |
पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला |
1996 |
10.0 |
93 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
एम् एस |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के बी जी 512 |
कोविलपट्टी(टी एन ए यू )
|
1996 |
7.7 |
70-75 |
धब्बा रोग के प्रति सहिष्णु |
तमिलनाडु |
रोम युक्त फलियाँ |
वंबन 2 |
तमिलनाडु कृषि विश्व विद्यालय, वंबन |
1997 |
8.0 |
70 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
सूखा प्रतिरोधी प्रजाति |
टी यू 94-2 |
ट्राम्बे, मुम्बई |
1998 |
15.4 |
69 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
केयू 301 (शिखर उर्द 1) |
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगकी विश्वविद्यालय, कानपुर |
1998 |
12.9 |
70 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
डब्लू बी जी 26 |
आचार्य एन जी रंगा कृषि विश्व विद्यालय, वारंगल |
1999 |
9.8 |
70 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के यू 92-1 (आजाद उर्द 1) |
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगकी विश्वविद्यालय, कानपुर |
1999 |
10.0 |
80 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
आई पी यू-1 (उत्तरा) |
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
1999 |
12.0 |
85 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र तथा उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
आर बी यू 38 (बरखा) |
राजस्थान कृषि विश्व विद्यालय, बंसवारा |
1999 |
12.5 |
75 |
- |
भारत का मध्यवर्ती क्षेत्र |
बड़े आकार का बीज |
के यू 300 (शिखर उर्द 2) |
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर |
2001 |
11.3 |
70 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
एन डी यू 99-2 |
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोद्योगिकी, विश्वविद्यालय, फैजाबाद |
2003 |
9.5 |
85 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के यू 96-3 (आजाद उर्द 3) |
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर |
2003 |
8.0 |
73 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का मध्यवर्ती क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पंत यू 31 |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर |
2005 |
10 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मैदानी एवं निचली पहाड़ी के लिए |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पंत यू 40 |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर |
2005 |
10 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखंड के मैदानी एवं निचली पहाड़ी के लिए |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
डब्लू बी यू 109 (सुलाता) |
बेहरमपुर, पश्चिम बंगाल |
2008 |
10-12 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
आई पी यू 02-4 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर |
2008 |
10.0 |
71 |
चूर्णिल आसिता और मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
एन यू एल 7 |
निर्मल सीड्स |
2009 |
11.0 |
70 |
चूर्णिल आसिता और मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का मध्यवर्ती क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
एल यू 391 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना |
2010 |
10-12 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के यू जी 479 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, गुरदासपुर |
2010 |
10-12 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
वी बी जी 04-008 |
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, वंबन |
2011 |
8-9 |
70-75 |
चूर्णिल आसिता और मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
टी यू 40 |
ट्राम्बे, मुम्बई |
2011 |
9-10 |
70-75 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
एल बी जी 787 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, लैम |
2016 |
13-14 |
70-75 |
चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी एवं ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
वी बी एन 8 |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2018 |
13-14 |
65-75 |
अर्ध प्रसारित पौधे तथा शीर्स्थ पर्ण |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
ग्रीष्मकालीन सिंचित अवस्था में खेती के लिए उपयुक्त |
मुलुन्द्रा उर्द 2 (के पी यू 405) |
कृषि अनुसंधान केंद्र, कोटा |
2018 |
10-11 |
75-80 |
चिकनी फलियाँ, मूंग पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु एवं मोटा बीजयुक्त |
भारत का उत्तरी पश्चिम मैदानी क्षेत्र |
ख़रीफ़ और ग्रीष्म/वसंत में खेती के लिए उपयुक्त |
वी बी एन 9 (वी बी एन 12-111) |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2019 |
12-13 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग, पर्ण सिकुड़न, पर्ण मुड़ना एवं चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोध |
भारत के दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
धान की परती खेती के लिए उपयुक्त |
पंत उर्द 10 (पी यू 10-23) |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर |
2019 |
12-13 |
80-85 |
मूंग पीत चितेरी रोग, उर्द की पत्ती में सिकुड़न एवं सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के पी यू 12-1735 (कोटा उर्द 4) |
कृषि विश्व विद्यालय, कोटा |
2020 |
12-13 |
75-80 |
मूंग पीत चितेरी रोग एवं सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी के प्रति प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र |
बसंत ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
वी बी एन 10 वी बी जी 12-034 |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2020 |
11-12 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग, उर्द की पत्तियों में सिकुड़न एवं पत्तियों का मुड़ना रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पंत उर्द 12 |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर |
2021 |
14-15 |
80-85 |
मूंग पीत चितेरी रोग, उर्द की पत्तियों में सिकुड़न विषाणु एवं पत्तियों का मुड़ना रोग प्रतिरोधी |
भारत का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
कलिंगा उर्द 41 (ओ बी जी 41) |
उड़ीसा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय , बेरहामपुर |
2021 |
11-12 |
70-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग, उर्द की पत्तियों में सिकुड़न विषाणु एवं पत्तियों का मुड़ना रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
कोटा उर्द 5 (के पी यू 52-87) |
कृषि विश्व विद्यालय, कोटा |
2021 |
10-11 |
72-75 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
भारत का दक्षिणवर्ती क्षेत्र |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
माश 1190 (एस यू जी 1190) |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना |
2022 |
13-14 |
70-82 |
मूंग पीत चितेरी रोग, सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी रोग एवं चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड |
ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
राज्यों के लिए विकसित उर्द की उन्नत प्रजातियाँ
प्राजाति का नाम |
विकास केंद्र |
विकास वर्ष |
औसत उत्पादकता कु./हे. |
परिपक्वता अवधि |
प्रमुख रोगों के प्रति प्रतिक्रिया |
संस्तुत राज्य |
अन्य सम्बद्ध जानकारी |
एल बी जी (प्रभाव) |
आर ए आर एस, लाम, गुंटूर |
1988 |
20-25 |
90-95 |
उकठा रोग प्रतिरोधी |
आंध्र प्रदेश |
- |
माश 218 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय |
1988 |
10.00 |
75 |
|
पंजाब |
|
ए पी के 1
|
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, अरुप्पुक्कोट्टई |
1993 |
9.40 |
75 |
- |
तमिलनाडु |
- |
एलबीजी 22 (लैम-22 ) |
क्षेत्रीय कृषिअनुसंधान केंद्र लैम, गुंटूर |
1994 |
20-22 |
80-85 |
उकठा रोग प्रतिरोधी |
आन्ध्र प्रदेश |
|
के 1 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, कोविलपट्टी |
1994 |
- |
70-75 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
- |
पी डी यू-1 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश |
1994 |
10-12 |
85-90 |
- |
मध्य पहाड़ियाँ |
मक्के के साथ अंतरफसल के लिए उपयुक्त |
यू जी-21 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश हरेक, धौलाकुआँ |
1996 |
12 |
80 |
पीत चितेरी रोग एवं सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
निचली पहाड़ियां |
|
एल बी जी 648 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
1996 |
22-25 |
90-95 |
एक से अधिक रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधी |
|
|
पंत यू 19 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश |
1996 |
8-10 |
85 |
चितेरी रोग प्रतिरोधी |
निचली पहाड़ियां |
|
एल बी जी 623 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
1997 |
16-18 |
75-80 |
उच्च उपज युक्त प्रजाति तथा गैर-मौसमी प्रजाति |
आंध्र प्रदेश |
|
एल बी जी 685 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
1999 |
20-25 |
85-90 |
उच्च उपज युक्त उकठा प्रतिरोधी प्रजाति |
आंध्र प्रदेश |
|
वीबीएन 3 |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान संस्थान, वंबन |
2000 |
8.25 |
65-70 |
- |
तमिलनाडु
|
- |
पीकेवी यूडीड- 15 (एकेयू–15) |
डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला |
2001 |
10-12 |
65-72 |
चूर्णिल आसिता और जड़ सड़न रोग के प्रति सहिष्णु |
महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र |
ख़रीफ़ ऋतू में खेती के लिए उपयुक्त |
एलबीजी 645 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, लाम, गुंटूर |
2002 |
20-25 |
85-90 |
उकठा रोग प्रतिरोधी, |
आंध्र प्रदेश |
|
पीबीजी 1
|
कृषि अनुसंधान केंद्र, पोडालाकुर |
2002
|
12-14 |
80-85 |
प्रकाश-संवेदनशील, मध्यम कद के पौधे |
तमिलनाडु
|
|
पीबीजी 107 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, पोडालाकुर
|
2002 |
12-15 |
85-90 |
प्रकाश-संवेदनशील, मध्यम कद के पौधे |
तमिलनाडु |
|
केयू 309 (शेखर) |
चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर |
2003 |
12-13 |
75-80 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
उत्तर प्रदेश |
|
वीबीएन (बीजी) 4 |
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, वंबन |
2003 |
9.00 |
75-80 |
चितेरी प्रतिरोधी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु
|
- |
जीयू-1 |
गुजरात कृषि विश्व विद्यालय, एस.के. नगर |
2004 |
11.77 |
70 |
चूर्णिल आसिता एवं सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
खेडब्रह्मा से भरूच तक पूर्वी पहाड़ी और पठारी मार्ग |
-
|
माश 1008 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय |
2004 |
11.25 |
72 |
मूंग पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
|
पी 93 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश हरेक, धौलाकुआँ |
2005 |
8-10 |
85-90 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
मध्य पहाड़ियाँ |
|
पी 93 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश |
2005 |
8-10 |
85-90 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
मध्य पहाड़ियाँ |
|
एलबीजी 709 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र लाम, गुंटूर |
2006 |
18-20 |
80-85 |
पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु, प्रकाश-संवेदी |
आंध्र प्रदेश |
|
वीबीएन (बी जी) 5 |
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र, वंबन |
2006 |
- |
65 - 70 |
सभी ऋतुओं में पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
तमिलनाडु
|
- |
हिमाचल माश 1 |
चौधरी सरवन कुमार, हिमांचल प्रदेश कृषि विश्व विद्यालय, हिमांचल प्रदेश हरेक, धौलाकुआँ |
2007 |
14-16 |
75 |
पर्ण संकुचन रोग, चूर्णिल आसिता, अन्थ्राकनोज तथा चितेरी रोग प्रतिरोधी |
हिमांचल प्रदेश की निचली पहाड़ियां |
|
डी यू- 1 |
कृषि विज्ञानं विश्व विद्यालय, धारवाड़ |
2008 |
14-15 |
80-85 दिन |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी एवं चूर्णिल आसिता रोग सहिष्णु |
1. ख़रीफ़ और ग्रीष्म ऋतु में कर्नाटक राज्य के लिए कृषि जलवायु क्षेत्र 1,2 और 8 2. रबी/ग्रीष्मकालीन धान की परती भूमि के लिए कर्नाटक का कृषि जलवायु क्षेत्र 9 और 10 |
उच्च उपज, बड़े आकार के बीज |
माश 114 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय |
2008 |
9.00 |
83 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी एवं चूर्णिल आसिता रोग सहिष्णु |
पंजाब |
|
एल बी जी 752 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र लाम, गुंटूर |
2009 |
18-20 |
75-80 |
प्रकाश-संवेदी, पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी
|
आंध्रप्रदेश |
|
सीओ 6 / सीओबीजी 653 |
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर |
2009 |
8.77 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
दक्षिणी क्षेत्र (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा) |
|
वी बी एन 6
|
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वम्बन |
2011 |
8.50 |
65-70 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
- |
यू एच-1 |
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार
|
2012 |
10-12 |
73-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
हरियाणा का सिंचित क्षेत्र |
|
प्रताप उर्द-1 (के पी एच 07-08) |
कृषि अनुसन्धान केंद्र, कोटा
|
2013 |
10 - 12.5 |
74 |
मूंग के पीत चितेरी रोग, पर्ण विकुंचन प्रतिरोधी |
राजस्थान |
नमी तनाव के प्रति सहनशील
|
डी बी जी वी-5 |
कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, धारवाड़ |
2014 |
14-15 |
82-85 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुंदकी तथा चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी |
कर्नाटक
|
खरीफ़ ऋतू में खेती उपयुक्त |
एस बी सी 40 (काला चना) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र शिल्लोंगनी |
2014
|
15-16 |
75-80 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी और पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
असम |
|
ऍम डी यू 1 |
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, मदुरई |
2014 |
7.90 |
70-75 |
- |
तमिलनाडु |
बड़ा बीज आकार
|
वल्लभ उर्द 1 |
सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ |
2014 |
10-11 |
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति सहिष्णु |
उत्तर प्रदेश |
|
इंद्रा उर्द प्रथम |
इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर |
2015 |
12 q/ha |
70-75 days |
फली अवस्था पर चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
छत्तीसगढ़
|
खरीफ़ ऋतु में वर्षा आधारित क्षेत्र एवं ग्रीष्म ऋतु में सिंचित क्षेत्र के लिए उपयुक्त |
पीडीकेवी काला सोना (एकेयू 10-1) |
डॉ. पंजाब राव देशमुख कृषि विद्यापीठ, अकोला |
2016 |
10-11
|
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग एवं चूर्णिल आसिता रोग के प्रति सहिष्णु |
महाराष्ट्र |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
तिरुपति मिनुमू-1 (टी बी जी 104) |
कृषि अनुसन्धान केंद्र, तिरुपति |
2017 |
15.50 |
75-80 |
पीत चितेरी रोग सहिष्णु |
आंध्र प्रदेश |
रबी ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
के के एम-1 |
कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान, किल्लीकुलम, तमिल नाडु कृषि विश्व विद्यालय, कोयम्बटूर |
2017 |
6.07 |
65-70 |
सीधा पौधा तथा धूसर काला बीज |
तमिलनाडु |
खरीफ ऋतु में सिंचित अवस्था में धान की परती स्थितियों के लिए उपयुक्त |
ए डी टी 6 |
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, अदुथुरै |
2018 |
7.41 |
65-70 |
पर्ण संकुचन विषाणु रोग एवं चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडू का कावेरी डेल्टा क्षेत्र |
धान की परती स्थिति के लिए उपयुक्त |
त्रिपुरा मस्कलाई (टीआरसी उर्द 99-2) |
उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए आईसीएआर अनुसंधान परिसर |
2018 |
12-13 |
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
त्रिपुरा |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
आई पी यू 11-2 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान, कानपुर |
2018 |
8-10 |
70-80 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
मध्य प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पन्त यू 7 (पी यू 10-16) |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर |
2019 |
8-9 |
80-85 |
मूंग के पीत चितेरी रोग एवं चूर्णिल आसिता रोग के प्रति प्रतिरोधी |
उत्तराखण्ड |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पन्त यू 8 (पी यू 11-14) |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर |
2019 |
9-10 |
80-85 |
मूंग के पीत चितेरी रोग, पर्ण अंगमार एवं चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखण्ड |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
पन्त यू 9 (पी यू 11-25) |
गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर |
2019 |
10-11 |
80-85 |
मूंग के पीत चितेरी रोग, सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी एवं चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी |
उत्तराखण्ड |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
आई पी यू 13-1 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान, कानपुर |
2019 |
9-10 |
70-80 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
IPU 10-26 आई पी यू 10-26 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान, कानपुर |
2019 |
8-10 |
70-80 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
मध्य प्रदेश |
खरीफ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
जी बी जी 1 (घंतशाला मिनुमु-1) |
कृषि अनुसन्धान केंद्र, घंटशाला |
2019 |
13-14 |
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी और प्रकाश-संवेदी |
आंध्र प्रदेश |
खरीफ, रबी एवं ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
वी बी एन 11 (वी बी जी 12-062) |
राष्ट्रीय दलहन अनुसंधान केंद्र, वंबन |
2020 |
12-13 |
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग, पर्ण बुंदकी एवं एन्थ्राकनोज रोग प्रतिरोधी |
तमिल नाडू |
सभी ऋतुओं में खेती के लिए उपयुक्त |
ओ बी जी 33 (शशी) |
उड़ीसा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भुबनेश्वर |
2020 |
11-12 |
70-75 |
मूंग के पीत चितेरी रोग के प्रति प्रतिरोधी |
उड़ीसा |
सिंचित दशाओं में रबी, खरीफ़ ऋतु एवं धान की परती में ऊपरी भूमि क्षेत्र के लिए उपयुक्त |
के पी यू 524-65 (कोटा उर्द 3) |
कृषि विश्व विद्यालय, कोटा |
2020 |
10-12 |
68-74 |
मूंग के पीत चितेरी रोग, पर्ण बुंदकी एवं एन्थ्राकनोज रोग के प्रति प्रतिरोधी |
राजस्थान |
खरीफ एवं वसंत ऋतु में खेती के के लिए उपयुक्त |
माश 1137 |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना |
2021 |
10-11 |
72-77 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
वसंत ऋतु में खेती के के लिए उपयुक्त |
सीओ 7 (सीओबीजी 10-05) |
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयम्बटूर |
2021 |
10-11 |
60-65 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
खरीफ एवं रबी ऋतु में खेती के के लिए उपयुक्त |
एलबीजी 791 |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, मंड्या |
2021 |
9-10 |
75-80 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
तमिलनाडु |
ख़रीफ़, ग्रीष्म धान की परती फसल और रबी ऋतु के लिए उपयुक्त (5.0ग्राम /100 बीज) |
आई पी यू 17-1 |
भा.कृ.अनु.प.-भारतीय दलहन अनुसन्धान संस्थान, कानपुर |
2021 |
10-11 |
73-74 |
एक से अधिक रोगों के प्रति प्रतिरोधी |
मध्य प्रदेश |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
बिरसा उर्द 2 (आर यू बी 12-02) |
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची |
2021 |
10-12 |
80-85 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी तथा पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
झारखण्ड |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
एसबीसी 40 (श्यामल) |
असम कृषि विश्वविद्यालय, शिल्लोंगनी, असम |
2022 |
13-14 |
45-80 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी एवं पीत चितेरी रोग एवं वेब ब्लाइट के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
असम |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
जे ए यू 4 (श्यामल) |
आनंद कृषि विश्वविद्यालय, वड़ोदरा |
2022 |
10-11 |
75-91 |
प्राकृतिक क्षेत्र की स्थिति में पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
गुजरात |
खरीफ़ एवं ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
लैम मिनुमू 884 (एलबीजी 884) |
क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र,आचार्य एन. जी. रंगा कृषि विश्व विद्यालय, मुलार्प पर अखिल भारतीय फसल अनुसंधान परियोजना, लम गुंटूर, आंध्र प्रदेश |
2022 |
10-11 |
80-85 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी
|
आंध्र प्रदेश |
ख़रीफ़, रबी (ऊपरी भूमि) और धान की परती भूमि में खेती के लिए उपयुक्त |
माधिरा मिनुमू-01 (एमबीजी-1070) |
कृषि अनुसंधान केंद्र, माधिरा, प्रो. जय शंकर तेलंगाना राज्य कृषि विश्व विद्यालय, तेलंगना |
2022 |
14-15 |
75-80 |
सर्कोस्पोरा पर्ण बुन्दिकी, पीत चितेरी रोग, चूर्णिल आसिता प्रतिरोधी तथा जड़ गलन सहिष्णु |
तेलंगाना |
खरीफ़, रबी एवं ग्रीष्म ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
बी डी यू-12 |
कृषि अनुसंधान केंद्र, बीदर, कृषि विज्ञान विश्व विद्यालय, रायचुर (कर्नाटक) |
2022 |
10-12
|
72-78 |
चूर्णिल आसिता रोग प्रतिरोधी
|
कर्नाटक |
खरीफ़ ऋतु में खेती के लिए उपयुक्त |
डी बी जी-16 (डीबीजीवी-16) |
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ (कर्नाटक) |
2022 |
9-10 |
80-85 |
चूर्णिल आसिता एवं पर्ण संकुचन रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी |
कर्नाटक |
|
टी आर सी आर यू-22 |
कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, रायचूर एवं भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र मुंबई, महाराष्ट्र |
2022 |
8-9 |
73-77 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी
|
कर्नाटक |
सभी ऋतुओं में खेती लिए उपयुक्त |
फुले वासु (पीयू-0609-43) |
महात्मा फूले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, अहमदनगर, महाराष्ट्र |
2022 |
13-14 |
67-81 |
चूर्णिल आसिता रोग एवं पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
महाराष्ट्र |
- |
माश 883 (केयूजी 883) |
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना |
2022 |
|
68-83 |
पीत चितेरी रोग प्रतिरोधी |
पंजाब |
खरीफ ऋतु में खेती लिए उपयुक्त |