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चूर्णिल आसिता (पाउड्री मिल्ड्यू)

पाउड्री मिल्ड्यू

यह मटर के फसल की सामान्य बीमारी है। हवा जनित रोग इरीसाइफी पीसी. के द्वारा होता है जो कि बायोट्रापिक एस्कोमाइसिटीज कवक है। सामान्यतः ये कवक फली बनने के समय अथवा फसल कटने के तुरन्त पहले संक्रमण करते हैं। इसका आक्रमण पत्ती के दोनों तरफ और टेन्ड्रिल, फली तथा तने पर सफेद आटे की तरह धब्बे के रूप में होता है। ये धब्बे छोटे रंगहीन कण के रूप में पैदा होते हैं जिससे पौधे के हर भाग पर बीजाणु बड़े पैमाने पर विकीर्णित होते हैं। जब रोग उग्र अवस्था में होते हैं तो पौधे के ऊपरी भाग पर बड़े पैमाने में सफेद आटे की तरह कण के रूप में एकत्र हो जाते हैं। कवक के फुई (माइसीलियम) और बीजाणु सतही  बड़ी मात्रा पर बने होते हैं जो रोग पैदा करते हैं। इन रोगों के विकास के लिए गर्म शुष्क दिन तथा ठण्डी रात अनुकूलित होती है। देर से बुवाई करना सामान्यतः अधिक हानिकारक होता है। तेज वर्षा के अभाव में बारंबार भारी ओस, रोगों की प्रगति करता है, फलस्वरुप फली की संख्या और उसका वजन घट जाती है।

प्रबन्धन

  • देर से बुवाई से बचें।
  • फसल कटने के बाद फसल के मलबे तथा खूँटियों को इक्ट्ठा कर जला देना चाहिए।
  • रोग प्रबल क्षेत्र में जल्दी पकने वाली तथा कम दिन की प्रजातियों को उगायें।
  • बीमारियों के नियंत्रण के लिए गंधक (0.2 प्रतिशत), कैराथेन (0.05 प्रतिशत) या कार्बेन्डाजिम (0.05 प्रतिशत) का छिड़काव करें। जब रोग पौधे में दिखे
  • तब पहली बार छिड़काव करें तथा पहली छिड़काव के 14 दिन बाद दूसरा छिड़काव करना चाहिए। तीसरा छिड़काव तभी करें जब इसकी आवश्यकता हों
  • रोग-रोधी किस्मों का प्रयोग करें।
  • कम से कम 2-3 साल तक अदलहनी फसलों द्वारा फसल चक्र अपनाना चाहिए।