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कटीला फली भेदक

यह फली भेदक उत्तर भारत मे अधिक पाया जाता है। अगेती किस्म की अपेक्षा पछेती प्रजातियो पर इसका अधिक प्रकोप होता है। इसी तरह देर से बोयी गयी फसल की तुलना मे अधिक हानि होती है। फली और पंखुडी के जोड़ वाली जगह पर या फली की सतह पर यह पतगा अंडे देता है। अंडे से निकलते ही गिडारे फलियो मे छेद करके अदर बड़ रहे मटर के दानो को खाना शुरू कर देती हैं। इसके नियन्त्रण के लिए फली बनना आरम्भ होने पर फसल पर 0.04 प्रतिशत मोनोक्रोटोफाॅस का 10 से 15 दिन के अन्दर छिडकाव करे!।