पोषक तत्व प्रबंधन
मूंग की फसलों को नत्रजन की अधिक आवश्यकता नहीं होती क्योंकि ये फसलें स्वयं वायुमण्डलीय नत्रजन का स्थिरीकरण करके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाती हैं। यह कार्य इनकी जड़ों में उपस्थित जीवाणु करते हैं। इससे भूमि में नत्रजन की मात्रा बढ़ जाती है और फसल इसका उपयोग कर अच्छी उपज देती है। मूंग की अच्छी फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 10 कि.ग्रा. नत्रजन, 40-45 कि.ग्रा. फास्फोरस, 20-25 कि.ग्रा. पोटाश तथा 20-25 कि.ग्रा. गंधक बुआई के समय कूड़ां में देना चाहिए। बसंतकालीन मूंग की खेती यदि मटर सरसों या आलू के बाद की जा रही हो तो उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है।