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फली बग
इस कीट की शिशु एवं व्यस्क अवस्थायें पौधों की पत्तियों, तना, फूलों व फलियों का रस चूसकर फसलो को हानि पहुंचाती हैं। इस कीट द्वारा अधिकतम क्षति कोमल फलियों से रस चूसने से होती हैं। इस कीट के प्रकोप से फलियों पर हल्के पीले धब्बे दिखाई देते है। इससे फलियों के अन्दर दाने छोटे व सिकुड़ जाते हैं व फलियाँ टेढ़ी-मेढ़ी और आकार में छोटी हो जाती हैं। 

प्रबंधन 

  • झाड़ने से पहले नीचे तेल युक्त बर्तन या तैलीय कपड़ा रख ले पौधों को झटककर झाडने से इस कीट का यांत्रिक प्रबंधन सम्भव है। 
  • फूल आने और फली बनने के साथा मानोक्रोटोफास 36 एस.एल. (1.0 मिली. प्रति लीटर) या मेथोमाइल 40 एस.पी. (0.6 ग्रा. प्रति लीटर) की दर से छिडकाव करें।