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शुष्क-मूल विगलन (ड्राई रूट रॉट)

शुष्क-मूल विगलन (ड्राई रूट रॉट)

यह मृदाजनित रोग है। पौधों में रोग का संक्रमण राइजोक्टोनिया बटाटीकोला नामक कवक द्वारा होता है। इस रोग का प्रकोप पौधों में फूल आने और फलियाँ बनने के समय हेता है।

प्रायः यह रोग तब होता है यदि बुआई के समय मृदा में नमी अधिक हो और तापमान गर्म है (30 डिग्री सेलसियस के आसपास)

लक्षण

  • इस रोग से संक्रमित पौधों की पत्तियाँ पीली होकर मुरझा जाती है। रोगी पौधा भूसे के रंग का दिखाई देता हैं।
  • रोग से प्रभावित पौधों की जड़ें अविकसित तथा काली होकर सड़ने लगती हैं एवं आसानी से टूट जाती हैं। 
  • जड़ों के दिखाई देने वाले भाग और तनों के आन्तरिक भाग पर छोटे काले रंग के फफूँदी के बीजाणु देखे जा सकते हैं।


रोग प्रबंधनः

  • समय से बुआई करे ।

  • खेत सूखा जैसी स्थिति न पैदा होने दें।   खेत में उचित नमी को बनाये रखें फसल की बुवाई समय पर करें। देरी से बोई गई फसल में इस रोग की सम्भावना अधिक होती हैं।
  • यदि मृदा की ऊपरी सतह पर अविघटित कार्बनिक पदार्थो की उपस्थिति हो तो रोग की संभवना अधिक होती है। अतः इनको बुवाई से पहले हटा देना ही रोग से बचाव करने का सर्वोत्तम उपाय है।