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सफेद मक्खी

सफेद मक्खी पूरे वर्ष किसी न किसी पादप जाति पर पाई जाती है और वर्ष भर एक फसल से दूसरी फसल पर विषाणु का संचारण करती है। ग्रीष्मकालीन उर्द के रोगी पौधे वर्षाकालीन खरीफ उर्द की फसल के लिये इस विषाणु के प्ररम्भिक रोगजनक का कार्य करते है। रोग फैलने की गति सफेद मक्खी की संख्या पर निर्भर करती है। अधिक मक्खियों की संख्या होने पर इस रोग की संभावनाएं अधिक होती है। 


 

कीट प्रबन्धन

  • रोग अवरोधी प्रजातियों का चयन इस रोग के प्रबंधन का सरलतम उपाय है। 
  • यह रोग सफेद मक्खी द्वारा फैलता है इसलिये सफेद मक्खी का नियंत्रण करके इस रोग को नियन्त्रित किया जा सकता है। खेत में रोग के लक्षण दिखते ही या बुवाई के 15 दिनो के पश्चात इमीडाक्लोपरीड 0.1 प्रतिशत (10 मिली. प्रति 10 लीटर पानी) या डायमेथोएट 0.3 प्रतिशत (30 मिली. प्रति 10 लीटर पानी) का फसल पर छिड़काव करें। इन कीटनाशियों का दूसरा छिडकाव बुवाई के 45 दिनों के पश्चात करने से इस रोग का प्रकोप कम किया जा सकता है।
  • रोग ग्रसित पौधों को शुरु में ही उखाड़ कर नष्ट कर देना चाहिए।