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पर्ण जीवक (थ्रिप्स)
इस कीट की प्रौढ तथा शिशु अवस्थायें पौधों में कलियों एवं फूलों का रस चूसते हैं अधिक प्रकोप की स्थिति में पुष्प झड़कर नीचे गिर जाते है, जिसके कारण पौधों पर फलियाँ नहीं बनती। यह ग्रीष्म कालीन उर्द की फसल में फूल बनते समय (मई से मध्य जून) अत्याधिक प्रकोप पाया जाता है। इस कीट की अत्याधिक प्रकोप की अवस्था में पौधा झाडी जैसी बढवार लेता है और फसल गहरी हरी रंग की दिखती है। ऐसी फसल में फलियाँ व दाने सिकुडे से दिखते हैं।

कीट प्रबन्धन 

  • फसल में समय पर सिंचाई (15 दिन के अंतराल पर) इस कीट की संख्या की बढवार को रोकती है।
  • डाइमेथोएट 30 ई. सी. 0.7 मि.ली. प्रति लीटर पानी या  एक एन.एस.के.ई. 50 ग्राम प्रति लीटर का छिड़काव लाभदायक पाया गया है।